23/04/2020
सूत्र- एकद्रव्यगुणं संयोगविभागेष्वनपेक्षकारणमिती कर्मलक्षणम्॥ सूत्रार्थ- एक द्रव्य में रहनेवाला, गुणों को धारण न करनेवाला संयोग और विभाग को उत्पन्न करने में कारण होता हुआ भी संयोग विभाग की आवश्यकता न रखानेवाला पदार्थ कर्म कहलाता है।
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सूत्र- एकद्रव्यगुणं संयोगविभागेष्वनपेक्षकारणमिती कर्मलक्षणम्॥ सूत्रार्थ- एक द्रव्य में रहनेवाला, गुणों को धारण न करनेवाला संयोग और विभाग को उत्पन्न करने में कारण होता हुआ भी संयोग विभाग की आवश्यकता न रखानेवाला पदार्थ कर्म कहलाता है।
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सूत्र- द्रव्याश्रय्यगुणवान् संयोगविभागेष्वकारणमनपेक्ष इति गुणलक्षणम्॥ सूत्रार्थ- जो द्रव्य के आश्रित रहता, अन्य गुणों को धारण नहीं करता, संयोग और विभाग की उत्पत्ति में कारण नहीं बनता, अपने स्वरूप में रहने के लिए संयोग विभाग की अपेक्षा नहीं रखता, ऐसा ज
23/04/2020
सूत्र- पृथिव्यापस्तेजो वयुराकाशं कालो दिगात्मा मन इति द्र्व्याग्नि।। सूत्रार्थ- द्रव्य गुण कर्म में ही सामान्य विशेष समवाय स्थित होते है। गुण कर्म भी द्रव्य में स्थित राहतें हैं अतः इन छहो में द्रव्य मुख्य पदार्थ है पृथ्व्यादि द्रव्य है।
23/04/2020
सूत्र- द्रव्याश्रय्यगुणवान् संयोगविभागेष्वकारणमनपेक्ष इति गुणलक्षणम्॥ सूत्रार्थ- जो द्रव्य के आश्रित रहता, अन्य गुणों को धारण नहीं करता, संयोग और विभाग की उत्पत्ति में कारण नहीं बनता, अपने स्वरूप में रहने के लिए संयोग विभाग की अपेक्षा नहीं रखता, ऐसा ज
23/04/2020
सूत्र- द्रव्याश्रय्यगुणवान् संयोगविभागेष्वकारणमनपेक्ष इति गुणलक्षणम्॥ सूत्रार्थ- जो द्रव्य के आश्रित रहता, अन्य गुणों को धारण नहीं करता, संयोग और विभाग की उत्पत्ति में कारण नहीं बनता, अपने स्वरूप में रहने के लिए संयोग विभाग की अपेक्षा नहीं रखता, ऐसा ज
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सूत्र- द्रव्याश्रय्यगुणवान् संयोगविभागेष्वकारणमनपेक्ष इति गुणलक्षणम्॥ सूत्रार्थ- जो द्रव्य के आश्रित रहता, अन्य गुणों को धारण नहीं करता, संयोग और विभाग की उत्पत्ति में कारण नहीं बनता, अपने स्वरूप में रहने के लिए संयोग विभाग की अपेक्षा नहीं रखता, ऐसा ज
23/04/2020
सूत्र- द्रव्याश्रय्यगुणवान् संयोगविभागेष्वकारणमनपेक्ष इति गुणलक्षणम्॥ सूत्रार्थ- जो द्रव्य के आश्रित रहता, अन्य गुणों को धारण नहीं करता, संयोग और विभाग की उत्पत्ति में कारण नहीं बनता, अपने स्वरूप में रहने के लिए संयोग विभाग की अपेक्षा नहीं रखता, ऐसा ज
23/04/2020
सूत्र- क्रियागुणवत् समवायि कारणमिति द्रव्यलक्षणम्।। सूत्रार्थ- जो क्रिया और गुण वाला अथवा केवल गुणवाला तथा समवायि कारण हो उसे द्रव्य कहतें है।
23/04/2020
सूत्र- क्रियागुणवत् समवायि कारणमिति द्रव्यलक्षणम्।। सूत्रार्थ- जो क्रिया और गुण वाला अथवा केवल गुणवाला तथा समवायि कारण हो उसे द्रव्य कहतें है।