24/04/2020
सूत्र- त्रपुसीसलोहरजतसुवर्णानामग्नि- संयोगाद् द्रवत्वमद्भिः सामन्याम् ॥ सूत्र- विषाणी ककुद्मान् प्रान्तेवालधिः सास्नावानिति गोत्वे दृष्टं लिङ्गम् ॥ सूत्र- स्पर्शश्च वायोः ॥ सूत्र- न च द्रष्टानां स्पर्श इत्यदृष्टलिङगो वायुः ॥
23/04/2020
सूत्र 2- रूपरसस्पर्शवत्य आपो द्रवाः स्निग्धाः ॥ सूत्र 3- तेजो रूपस्पर्शवत् ॥ सूत्र 4- स्पर्शवान् वयुः ॥ सूत्र 5- त आकाशे न विद्यन्ते ॥ सूत्र 6- सर्पि र्पिं (Bk.p.21) र्जतुमधूच्छिष्टानामग्नि- संयोगाद् द्रवत्वमद्भिः सामन्याम् ॥
23/04/2020
सूत्र- रूपरसगन्धस्पर्शाः संख्या परिमाणानि पृथक्त्वं संयोगविभागौ परत्वापरत्वे बुद्धयः सुखदुःखे इच्छाद्वेषौ प्रयत्नाश्च गुणाः।। सूत्रार्थ- वस्तु स्वभावं स्थिरता तस्य विरोधी गतिकारकं वलं वा वेगः। रूप आदि गुण हैं।
23/04/2020
सूत्र- रूपरसगन्धस्पर्शवतो पृथिवी ॥ सूत्रर्थ- रूप रस गंध और स्पर्शवाली पृथिवी है।
23/04/2020
सूत्र 10- सामान्यविशेषाभावेन च ॥ सूत्र 11- अनेक द्रंव्यवत्वेन द्रव्यत्वमुक्तम् ॥ सूत्र 12- सामान्यविशेषाभावेन च ॥ सूत्र 13- गुणेषु भावाद् गुणत्वमुत्कम् ॥ सूत्र 14- सामान्यविशेषाभावेन च ॥ सूत्र 15- कर्मसु भावात् कर्मत्वमुक्तम् ॥ सूत्सार 16- मान्यविशेषाभ
23/04/2020
सूत्र 7- सदिति यतो दिव्यगुणकर्मसु सा सत्ता ॥ सूत्र 8- द्रव्यगुणकर्मभ्योsर्थान्तरं सत्ता ॥ सूत्र 9- गुणकर्मसु भावान्न कर्म न गुणः ॥
23/04/2020
सूत्र 4- भावोsनुवृत्तेरेव हेतुत्वात् सामान्यमेव ॥ सूत्र 5- द्रव्यत्वं गुणत्वं कर्मत्वं च सामन्यानि वेशेषाश्च ॥ सूत्र 6- अन्यत्रान्त्येभ्यो विशेषेभ्यः ॥ सूत्र 7- सदिति यतो दिव्यगुणकर्मसु सा सत्ता ॥
23/04/2020
सूत्र- भावोsनुवृत्तेरेव हेतुत्वात् सामान्यमेव ॥ सूत्रार्थ- अनुवृत्ति के कारण जो सत्ता है वह केवल सामान्य ही है विशेष नहीं। अनुवृत्ति = सर्वत्र ॥? समानता। अनुवर्तनिम्= उपलब्द्धिः। व्यक्तिषु विशेशेषुः भिन्न भिन्न द्रव्यों मे –
23/04/2020
सूत्र- सामान्यं विशेष इति बुद्ध्यपेक्षम् ॥ सूत्रार्थ- सामान्य और विशेष इस प्रकार क व्यवहार अपेक्षा बुद्धि के कारण होता है अथवा बुद्धि की अपेक्षा से होता है।
23/04/2020
सूत्र 1- कारणाभावात् कार्याभावः ।। सूत्र 2- न तु कार्याभावात् कारणाभावः।।