25/04/2020
सूत्र- उत्क्षेपणमवक्षेपणमाकुञ्च न प्रसारण गमनमिति कर्माणि।। सूत्रार्थ- उत्क्षेपण आदि कर्म हैं। सूत्र- सदनित्यं द्रव्यवत् कार्यं कारणं सामान्यविशेषवदिति द्रव्यगुणकर्मनामविशेषः॥ सूत्रार्थ- सत्ता होना अनित्य होना द्रव्य के आश्रित रहना कार्य - कारण कहलाना
25/04/2020
सूत्र- श्रोत्रग्रहणो यो sर्थः स शब्दः ॥ सूत्रार्थ- कान से ग्रहण किया जानेवाला जो विषय है वह शब्द है। सूत्र-तुल्यजातीयेष्वर्थान्तरभूतेषु विशेषस्योभथयादृष्टत्वात् ॥ सूत्रार्थ- तुल्य जातिवाले रूपादि गुणों में अतुल्य जातिवाले द्रव्य तथा कर्मो में शब्द का विश
25/04/2020
सूत्र- दृष्टं च दृष्टवत् ॥ अनिश्चितविचारः = संशयः। अन्व्धारण ज्ञानं संशयः ॥ सूत्रार्थ- वर्तमान में दीखनेवाले धर्म पूर्व देखे धर्म के समान होने से संशय को उत्पन्न करता है। सूत्र- यथादृष्मयथादृष्टत्वाच्च ॥ सूत्रार्थ- जैसा पहिले देखा था वर्तमान में भी वैसा न
25/04/2020
सूत्र- दृष्टं च दृष्टवत् ॥ अनिश्चितविचारः = संशयः। अन्व्धारण ज्ञानं संशयः ॥ सूत्रार्थ- वर्तमान में दीखनेवाले धर्म पूर्व देखे धर्म के समान होने से संशय को उत्पन्न करता है।
24/04/2020
सूत्र- तथा दक्षिणा प्रतीची (+अत्रासन्देहार्थः सन्धेरभावः । ) उदीची च। सूत्र- एतेन दिगन्तरालानि व्याख्यातानि ॥ सूत्र- सामान्यप्रत्यक्षाद् विशेषाप्रत्यक्षाद्
24/04/2020
सूत्र- द्रवत्वनित्यत्वे वायुना व्याख्याते ॥ सूत्र- तत्त्वं भवेन ॥ सूत्र- कार्यविशेषेण नानात्वम् ॥ सूत्र- आदित्यसंयोगादू भूतपूर्वाद् भविष्यतो भूताच्च प्राचो ॥
24/04/2020
सूत्र- तत्त्वं भवेन ॥ सूत्र- नित्येष्वभावादनित्येषु भावात् कारणे कालाख्येति ॥ सूत्र- इत इदमिति यतस्तद् दिश्यं लिङ्गम् ॥ सूत्र- द्रवत्वनित्यत्वे वायुना व्याख्याते ॥ सूत्र- तत्त्वं भवेन ॥
24/04/2020
सूत्र- द्रवत्वनित्यत्वे वायुना व्याख्याते ॥ सूत्रार्थ- काल का द्रव्यत्व और नित्यत्व वायु के समान समझना चाहिए।
24/04/2020
सूत्र- अपरस्मिन् परं * युगपच्चिरं क्षिप्रमिति काललिङ्गानि ॥ सूत्रार्थ- पुराने की अपेक्षा नया। नये की अपेक्षा पुराना। क्रियाओं का एक साथ होना, ये व्यवहार काल की सिद्धि करते है।
24/04/2020
सूत्र- एतेनोष्णता व्याख्याता ॥ सूत्र- तेजस उष्णता ॥ सूत्र- अप्सु शोतता ॥ सूत्र- अपरस्मिन् परं * युगपच्चिरं क्षिप्रमिति काललिङ्गानि ॥