10/12/2017
आर्य समाज सांताक्रूज मुम्बई में 10 दिसम्बर 2017 को स्वामी विवेकानंद परिव्राजक जी ने न्याय दर्शन के सूत्रों पर आधारित प्रवचन और शंका समाधान किया ।
इस सत्र में उन्होंने बातचीत करने के नियम बतलाए और यह कहा, कि जब भी कोई दो व्यक्ति किसी विषय पर बातचीत करें तो सबसे पहले अपने पक्ष की स्थापना करें कि मैं क्या मानता हूं? तब बात को आगे बढ़ाएं ।
और इस बातचीत का उद्देश्य सत्य असत्य को समझना तथा समझाना होना चाहिए , किसी को दुख देना अपमानित करना उद्देश्य नहीं होना चाहिए। यह बातचीत लगभग समान योग्यता वाले लोगों में होती है ।
यदि योग्यता समान ना हो, एक व्यक्ति की योग्यता अधिक हो और दूसरे की योग्यता कम हो , तो ऐसी स्थिति में पक्ष की स्थापना वाली बातचीत न करके, प्रेम से नम्रतापूर्वक शंका समाधान कर लेना चाहिए। इस तरह से उन्होंने बातचीत करना सिखाया। और यह भी बताया कि हार जीत के उद्देश्य से कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए , ऐसा करना सभ्यता नहीं है। उससे श्रोता गण बहुत संतुष्ट हुए ।